RBI Guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश में बैंकिंग नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में कड़े कदम उठाए हैं। अप्रैल में, RBI ने चार बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इन बैंकों को अब कारोबार करने की अनुमति नहीं है और उनके द्वारा सभी बैंकिंग लेनदेन रोक दिए गए हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने इन बैंकों के लाइसेंस रद्द करने का कारण पूंजी की कमी और लाभ की संभावना न होना बताया है। RBI के अनुसार, इन बैंकों की वित्तीय स्थिति इतनी कमजोर हो चुकी है कि वे जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने में असमर्थ हैं। इसलिए, इनका बने रहना जमाकर्ताओं के लिए वित्तीय जोखिम पैदा कर सकता था।
RBI Guidelines के अनुसार, जिन बैंकों का लाइसेंस रद्द किया गया है, उनके ग्राहक DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) द्वारा प्रदान किए गए बीमा कवर का लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत जमाकर्ताओं को अधिकतम ₹5 लाख तक का बीमा कवर मिलेगा।
किन बैंकों का लाइसेंस हुआ रद्द?
RBI ने चार बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। आइए जानते हैं इन बैंकों के बारे में,
RBI ने हाल ही में चार बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इन बैंकों में अंजना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) शामिल है, जिसका लाइसेंस 22 अप्रैल को रद्द कर दिया गया और बैंकिंग कारोबार पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी गई।
इसी तरह, कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) का लाइसेंस 16 अप्रैल को रद्द कर दिया गया और सभी लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी गई।
इसके अलावा, इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर का लाइसेंस 25 अप्रैल को रद्द किया गया, जिससे बैंकिंग गतिविधियाँ पूरी तरह बंद हो गईं।
चौथा बैंक शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज (महाराष्ट्र) है, जिसका लाइसेंस 11 अप्रैल को रद्द किया गया और बैंक को कारोबार करने की अनुमति समाप्त कर दी गई।
RBI Guidelines के तहत अन्य बैंकों पर जुर्माना
इसके अतिरिक्त, RBI ने नियमों के उल्लंघन के कारण आठ अन्य बैंकों पर जुर्माना भी लगाया है।
इनमें से कुछ प्रमुख बैंक आर्यावर्त बैंक, लखनऊ, श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक (महाराष्ट्र), सिटीबैंक एनए (City Bank), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (IDFC First Bank Limited), कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड (Kotak Mahindra Bank Limited), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) और इंडियन बैंक (Indian Bank) शामिल हैं।
हालांकि, इन बैंकों पर लगाए गए जुर्माने का असर ग्राहकों के बैंकिंग लेनदेन या उनके साथ हुए समझौतों पर नहीं पड़ेगा। RBI Guidelines के अनुसार, यह कदम केवल नियमों का पालन न करने के कारण उठाया गया है, जिससे ग्राहकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
क्या करें जमाकर्ता?
जिन ग्राहकों के पैसे इन बैंकों में जमा हैं, वे DICGC के तहत बीमा दावा कर सकते हैं। इसके लिए निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होगी
- बैंक पासबुक
- आधार कार्ड
- पहचान पत्र
- बैंक खाता विवरण
ग्राहक अपनी बैंक शाखा में जाकर बीमा दावे के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीमा राशि अधिकतम ₹5 लाख तक होगी।
RBI का कड़ा संदेश
RBI Guidelines के अनुसार, बैंकों को ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए कड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यदि कोई बैंक वित्तीय अनियमितता में संलिप्त पाया जाता है या पूंजी की कमी से जूझ रहा है, तो RBI उसे बंद करने में संकोच नहीं करेगा।
EPFO का बयान
“हम ग्राहकों के वित्तीय हितों को सर्वोपरि मानते हैं। यह कार्रवाई बैंकों की वित्तीय अनुशासनहीनता के कारण की गई है। जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है।”
निष्कर्ष
RBI द्वारा उठाए गए इन कड़े कदमों से यह स्पष्ट है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली में किसी भी तरह की वित्तीय अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ग्राहकों को चाहिए कि वे समय-समय पर बैंक के वित्तीय स्वास्थ्य की जानकारी रखें और RBI Guidelines का पालन करने वाले बैंकों में ही अपने धन का निवेश करें।