रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर लोग अपनी बचत पर निर्भर हो जाते हैं और चाहते हैं कि उनकी जमा पूंजी से हर महीने एक निश्चित आय आती रहे। ऐसे समय में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) एक बेहतरीन विकल्प साबित होती है। यह योजना सरकार द्वारा चलाई जाती है और सुरक्षित होने के साथ-साथ अच्छा ब्याज भी देती है।
अगर आप 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं और एक सुरक्षित व स्थिर आमदनी चाहते हैं, तो यह स्कीम आपके लिए लाभदायक हो सकती है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी सभी अहम बातें।
क्या है सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)?
यह एक सरकारी बचत योजना है जो विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य यह है कि 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा दी जा सके। इसमें निवेश करने पर हर महीने ब्याज के रूप में आय मिलती है, जिससे बुज़ुर्गों की रोज़मर्रा की ज़रूरतें आसानी से पूरी हो सकें।
कितनी राशि से कर सकते हैं शुरुआत?
इस योजना में निवेश की शुरुआत आप कम से कम ₹1,000 से कर सकते हैं। अधिकतम आप ₹30 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
निवेश की राशि ₹1,000 के गुणांक (multiple) में होनी चाहिए।
अगर आप चाहें तो इस योजना में एकल (Single) या संयुक्त (Joint) खाता खोल सकते हैं। संयुक्त खाता आमतौर पर पति-पत्नी के नाम पर खोला जाता है।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस स्कीम का लाभ नीचे दिए गए लोग ले सकते हैं:
- 60 साल या उससे अधिक उम्र के सभी नागरिक
- 55 से 60 साल की उम्र वाले लोग जिन्होंने स्पेशल VRS (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) ली है
- 50 साल या उससे ज्यादा उम्र के रक्षा क्षेत्र से रिटायर कर्मचारी
इस योजना में भारतीय नागरिक ही आवेदन कर सकते हैं। NRI और HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) इसके पात्र नहीं हैं।
कैसे खोलें SCSS खाता?
SCSS में निवेश करने के लिए आप किसी भी नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाकर खाता खोल सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज:
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड)
- उम्र का प्रमाण (रिटायरमेंट लेटर या जन्म प्रमाण पत्र)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- खाता खोलने के लिए फॉर्म (पोस्ट ऑफिस या बैंक में मिलेगा)
आपको खाता खोलते समय ₹1,000 या उससे अधिक राशि जमा करनी होती है।
मिलने वाला ब्याज और मासिक आय
वर्तमान में इस योजना पर 8.2% सालाना ब्याज दिया जा रहा है। ब्याज की गणना तिमाही आधार पर होती है लेकिन भुगतान हर महीने किया जाता है।
उदाहरण के लिए:
अगर आपने ₹30 लाख निवेश किए हैं, तो आपको साल भर में ₹2.46 लाख का ब्याज मिलेगा,
यानी हर महीने लगभग ₹20,500 की नियमित आय।
कम राशि पर भी ब्याज उसी हिसाब से मिलेगा और यह पूरी तरह से सुरक्षित और नियमित आय होती है।
ब्याज भुगतान और टैक्स नियम
- ब्याज का भुगतान हर महीने आपके सेविंग अकाउंट में किया जाता है।
- SCSS में मिलने वाला ब्याज कर योग्य (Taxable) होता है।
- अगर साल भर में ब्याज ₹50,000 से ज्यादा हो जाता है तो TDS (Tax Deducted at Source) काटा जा सकता है।
हालांकि, अगर आपकी इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आती तो आप Form 15H भरकर TDS से बच सकते हैं।
योजना की अवधि और नवीनीकरण
SCSS खाता 5 साल की अवधि के लिए होता है।
खाता परिपक्व होने के बाद इसे 3 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
आप चाहें तो परिपक्वता की तारीख से एक साल के भीतर इसे रिन्यू करा सकते हैं।
क्यों है यह योजना खास?
- सरकारी सुरक्षा: यह स्कीम सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें कोई जोखिम नहीं है।
- उच्च ब्याज दर: सामान्य सेविंग्स अकाउंट या एफडी की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है।
- मासिक आय: हर महीने एक तय रकम मिलती है जिससे खर्च आसानी से चलाया जा सकता है।
- टैक्स लाभ: 80C के तहत ₹1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है।
निष्कर्ष
अगर आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं और रिटायरमेंट के बाद निश्चित व सुरक्षित आय चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम आपके लिए एक शानदार विकल्प है। इसमें निवेश करना आसान है, प्रक्रिया सरल है और रिटर्न निश्चित है।
हर महीने मिलने वाली ब्याज राशि से आप न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं, बल्कि भविष्य के लिए भी आर्थिक रूप से मजबूत बने रह सकते हैं। इसलिए देर ना करें, और आज ही इस योजना के बारे में अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक से जानकारी लेकर खाता खोलें।