अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ग्राहक हैं और आपने होम लोन लिया है, तो आपके लिए एक बहुत ही अच्छी खबर है। बैंक ने अपनी लोन ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है, जिससे अब आपकी EMI पहले से कम हो जाएगी। इस फैसले के बाद आपको हर महीने की किस्तें कम चुकानी होंगी, जो कि आपके बजट में राहत ला सकती है।
RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती
हाल ही में, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की थी। इससे रेपो रेट 6.50% से घटकर 6.25% हो गया है। इस फैसले के बाद SBI ने भी ग्राहकों के लिए लोन ब्याज दरों में कमी करने का निर्णय लिया है।
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SBI द्वारा लोन ब्याज दरों में कटौती
SBI ने अपनी EBLR (External Benchmark Based Lending Rate) को घटाकर 8.90% से 8.65% कर दिया है, और RLLR (Repo Linked Lending Rate) को 8.50% से घटाकर 8.25% कर दिया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब अगर आपने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिया है, तो आपको इसका फायदा मिलने वाला है।
हालांकि, CRP (Credit Risk Premium) को जोड़ने के बाद, आपकी फाइनल ब्याज दर इससे थोड़ी अधिक हो सकती है, लेकिन फिर भी EMI में राहत जरूर मिलेगी।
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EMI में कितनी राहत मिलेगी?
अगर आपने ₹30 लाख का होम लोन लिया है और पहले आपकी EMI ₹26,000 के करीब थी, तो अब ब्याज दर में कटौती होने के बाद आपकी EMI कुछ सौ रुपए से लेकर हजार रुपए तक कम हो सकती है। यह कटौती आपके लोन अमाउंट और बाकी शर्तों पर निर्भर करेगी, लेकिन साफ तौर पर कहा जा सकता है कि आपको हर महीने राहत मिलेगी।
रेपो रेट का होम लोन पर असर
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बहुत से लोग यह नहीं जानते कि रेपो रेट में बदलाव का होम लोन और पर्सनल लोन की EMI पर सीधा असर पड़ता है। आजकल ज्यादातर बैंकों के लोन फ्लोटिंग रेट पर होते हैं, जो RBI की रेपो रेट से लिंक होते हैं।
जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी अपने लोन पर ब्याज दर कम कर देते हैं, जिससे EMI कम हो जाती है। यदि RBI रेपो रेट बढ़ाता है, तो EMI भी बढ़ जाती है। यदि RBI कोई बदलाव नहीं करता, तो EMI में कोई बदलाव नहीं होता।
और भी बैंकों ने ब्याज दर में कटौती की
SBI के अलावा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की है। इसका मतलब है कि यह एक अकेला फैसला नहीं है, बल्कि कई बैंक ग्राहकों को राहत देने के लिए एक ही दिशा में कदम उठा रहे हैं।
ब्याज दर में कटौती का कारण
RBI का कहना है कि महंगाई पर नियंत्रण पाने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती की गई है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोन सस्ते हो जाते हैं, और लोग ज्यादा लोन लेने के लिए प्रेरित होते हैं। इससे खरीदारी बढ़ेगी, और व्यवसायों को भी फायदा होगा।
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क्या आपको कुछ करना होगा?
अगर आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है और वह RBI के रेपो रेट से लिंक है, तो आपको कुछ करने की आवश्यकता नहीं है। बैंक स्वत: आपकी नई EMI की गणना करेगा और आपको इसका अपडेट देगा। लेकिन अगर आपने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है, तो आपको बैंक से संपर्क करके आपके लोन की शर्तों और विकल्पों पर चर्चा करनी पड़ सकती है।
SBI का यह कदम उन लाखों होम लोन और पर्सनल लोन के ग्राहकों के लिए राहत का संदेश है। अब आप हर महीने कुछ पैसे बचा सकते हैं, जिससे आपके बजट में थोड़ी राहत मिलेगी। अगर आप भी EMI के बोझ से परेशान थे, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।