22 अप्रैल 2025 को सोने की कीमतों में बड़ा उछाल देखने को मिला। दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत ₹1,650 प्रति 10 ग्राम की तेजी के साथ ₹99,800 हो गई। जब इस पर GST जोड़ा गया, तो इसकी कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई। इसी तरह, कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर भी गोल्ड फ्यूचर्स ₹1 लाख के ऊपर ट्रेड करते नजर आए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि गोल्ड इंडेक्स तीन साल के निचले स्तर पर है, जिससे सोने को सपोर्ट मिल रहा है और कीमतों में तेजी जारी रह सकती है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो कौन सा तरीका सबसे अच्छा रहेगा? आइए जानें गोल्ड में निवेश के अलग-अलग विकल्पों के बारे में।
1. गोल्ड ETF: आसान और सुरक्षित निवेश विकल्प
गोल्ड ईटीएफ (Gold Exchange Traded Fund) सोने में निवेश करने का एक आधुनिक और डिजिटल तरीका है। इसमें निवेशक को फिजिकल गोल्ड नहीं खरीदना होता, बल्कि वह स्टॉक एक्सचेंज के जरिए गोल्ड ETF की यूनिट खरीदता है।
एक यूनिट = 1 ग्राम सोने के बराबर
इसे आप अपने डीमैट अकाउंट के जरिए खरीद और बेच सकते हैं
इसमें लिक्विडिटी की कोई परेशानी नहीं होती
चूंकि यह फिजिकल गोल्ड की कीमतों को ट्रैक करता है, इसलिए बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इस पर भी पड़ता है
निवेश का यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा है जो डिजिटल माध्यम से सोने में निवेश करना चाहते हैं और सुरक्षा की चिंता नहीं करना चाहते।
2. गोल्ड म्यूचुअल फंड: लंबी अवधि के लिए बेहतर विकल्प
गोल्ड म्यूचुअल फंड भी सोने में निवेश का एक अच्छा जरिया है। यह म्यूचुअल फंड कंपनियों की स्कीम होती है जो निवेशकों के पैसे को गोल्ड ETF में लगाती है।
इसमें आप SIP के जरिए थोड़ा-थोड़ा करके निवेश कर सकते हैं
यह एक्टिव स्कीम होती है, इसलिए लंबे समय में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है
इसे कभी भी रिडीम किया जा सकता है, यानी इसमें भी लिक्विडिटी की कोई दिक्कत नहीं है
यह तरीका उन लोगों के लिए अच्छा है जो लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं और हर महीने छोटी राशि से शुरुआत करना चाहते हैं।
3. फिजिकल गोल्ड: पारंपरिक लेकिन सुरक्षित रखने में जोखिम
भारत में सोने में निवेश की परंपरा काफी पुरानी है। लोग शादी, त्योहार और विशेष अवसरों पर गोल्ड ज्वैलरी, सिक्के या बार खरीदते हैं।
इसमें टैक्स और मेकिंग चार्ज ज्यादा होता है
सुरक्षा की चिंता हमेशा बनी रहती है
बेचते समय मेकिंग चार्ज वापस नहीं मिलता
यह तरीका भावनात्मक निवेश के लिए अच्छा है, लेकिन रिटर्न के नजरिए से बहुत कारगर नहीं माना जाता।
4. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB): सरकार की गारंटी के साथ निवेश
SGB भारत सरकार द्वारा जारी किया गया बॉन्ड है जो सोने की कीमतों से जुड़ा होता है। इसमें निवेशक को हर साल 2.5% ब्याज भी मिलता है।
यह 8 साल में मैच्योर होता है, लेकिन 5 साल बाद पैसा निकाला जा सकता है
इसे BSE और NSE से खरीदा-बेचा जा सकता है
इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है
सरकार ने पिछले साल से कोई नई किस्त जारी नहीं की, इसलिए अभी ये स्टॉक एक्सचेंज से ही खरीदे जा सकते हैं
SGB उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो लंबे समय तक सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं और फिक्स रिटर्न भी पाना चाहते हैं।
निष्कर्ष: आपके लिए कौन सा तरीका सही है?
अगर आप डिजिटल और सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो Gold ETF या गोल्ड म्यूचुअल फंड सही रहेगा। अगर आप फिक्स रिटर्न के साथ लंबी अवधि के निवेश की योजना बना रहे हैं तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेस्ट विकल्प है। वहीं, पारंपरिक सोच रखने वाले लोग फिजिकल गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसमें सुरक्षा और अतिरिक्त खर्च की चुनौतियां हैं।
गोल्ड की कीमतों में उछाल के इस दौर में सोच-समझकर किया गया निवेश भविष्य में अच्छा रिटर्न दे सकता है।