New Tax Regime: नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) अपनाने वालों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब इस व्यवस्था में भी होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट का लाभ उठाया जा सकता है — लेकिन एक खास शर्त के साथ। अगर आप सही तरीके से इनकम टैक्स के नियम को समझ लें, तो आप ₹2 लाख तक की बचत कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस लाभ का पूरा गणित।
नया वित्तीय वर्ष और टैक्स प्लानिंग का सवाल
वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही इन्वेस्टमेंट डिक्लेरेशन का समय आ गया है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है – पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Regime) चुनें या नई (New Regime)?
New Tax Regime में क्या डिडक्शन नहीं मिलते?
नई टैक्स व्यवस्था में ज्यादातर टैक्स कटौतियां जैसे 80C, 80D, HRA आदि नहीं मिलतीं, इसलिए अक्सर भ्रम होता है कि इसमें फायदा कैसे मिलेगा। लेकिन कुछ खास स्थितियों में ये नई व्यवस्था भी टैक्स बचत का मौका देती है।
₹12 लाख तक इनकम पर टैक्स फ्री
नई टैक्स व्यवस्था में
- ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन
- और ₹7 लाख तक की इनकम पर पूरी छूट (rebate)
- इसके चलते ₹12 लाख तक की इनकम पर भी टैक्स बहुत कम या शून्य हो सकता है (क्लबिंग के साथ)।
Home Loan Interest पर छूट
नई टैक्स व्यवस्था में सीधे तौर पर सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन ब्याज पर छूट नहीं मिलती, अगर प्रॉपर्टी आप खुद इस्तेमाल कर रहे हैं (Self-Occupied)।
लेकिन अगर वही प्रॉपर्टी किराए पर दी गई है (Let-Out), तो आपको ब्याज पर अप्रत्यक्ष छूट मिल सकती है।
Let-Out Property पर लॉस Set-Off कैसे होता है?
यदि आपने घर किराए पर दे रखा है
- उस प्रॉपर्टी से हुई रेंटल इनकम में से आप होम लोन का ब्याज घटा सकते हैं।
- इससे जो नेट लॉस आएगा, उसे आप अपनी दूसरी इनकम से समायोजित (Set-Off) कर सकते हैं।
कितना होगा फायदा?
मान लीजिए
- सालाना किराया: ₹1,00,000
- होम लोन का सालाना ब्याज: ₹3,00,000
- तो कुल हाउस प्रॉपर्टी से लॉस = ₹2,00,000
यह ₹2 लाख का लॉस आप अपनी सैलरी या अन्य इनकम से घटाकर टैक्स बचा सकते हैं, भले ही आप न्यू टैक्स रिजीम में हों।
सिर्फ Let-Out Property पर फायदा
प्रॉपर्टी का उपयोग | ब्याज पर छूट |
---|---|
Self-Occupied | कोई छूट नहीं (NTR में) |
Let-Out Property | ₹2 लाख तक का लॉस दूसरी इनकम से Set-Off |
Limitations और सलाह
- इस छूट की सीमा ₹2 लाख प्रति वर्ष तक ही है।
- यदि ब्याज ₹4 लाख है और किराया ₹1 लाख, तो भी आप अधिकतम ₹2 लाख का ही लॉस Adjust कर सकते हैं।
- इससे अधिक लॉस को अगले सालों में कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है (नियमों के अनुसार)।
Old vs New Tax Regime
छूट का प्रकार | Old Regime | New Regime |
---|---|---|
Standard Deduction | ₹50,000 | ₹50,000/₹75,000 (वेतन के आधार पर) |
80C (Principal) | मिलता है | नहीं मिलता |
24(b) (Interest – Self Occupied) | ₹2 लाख तक | नहीं मिलता |
24(b) (Let-Out Property) | पूरी छूट | ₹2 लाख तक का सेट-ऑफ |
निष्कर्ष
New Tax Regime में भले ही सामान्य डिडक्शन सीमित हैं, लेकिन Let-Out प्रॉपर्टी के जरिए आप होम लोन ब्याज पर टैक्स से बचत कर सकते हैं। यह छूट सीधी नहीं है, लेकिन सही समझ और प्लानिंग से यह एक बड़ा लाभ बन सकता है।
ऐसा फैसला लेने से पहले अपने CA या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, ताकि आप अपनी इनकम, प्रॉपर्टी और होम लोन की स्थिति के अनुसार सही टैक्स स्ट्रक्चर चुन सकें।