बैंक खाता धारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस नियमों में हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देशित किया है कि वे ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकताओं के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित करें और यदि ग्राहक निर्धारित सीमा से कम बैलेंस रखते हैं, तो उचित समय देकर उन्हें सुधार का अवसर प्रदान करें। इसके अलावा, यदि पेनल्टी लगाई जाती है, तो वह बैंक की वास्तविक लागत के अनुरूप होनी चाहिए, जिससे ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ न पड़े ।
न्यूनतम बैलेंस क्या है?
न्यूनतम बैलेंस वह राशि है, जिसे बैंक खाता धारकों को अपने खाते में बनाए रखना आवश्यक होता है। यदि खाता धारक इस निर्धारित राशि से कम बैलेंस रखते हैं, तो बैंक पेनल्टी या अतिरिक्त शुल्क लगा सकते हैं। यह राशि बैंक और खाता प्रकार के अनुसार भिन्न हो सकती है।
प्रमुख बैंकों में न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताएं
भारत के विभिन्न बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकताएं और पेनल्टी शुल्क निम्नलिखित हैं:
1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
न्यूनतम बैलेंस: SBI ने अधिकांश बचत खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता समाप्त कर दी है, जिससे छात्रों और निम्न-आय वर्ग के लोगों के लिए बैंकिंग आसान हो गई है ।
पेनल्टी: न्यूनतम बैलेंस न रखने पर कोई पेनल्टी नहीं लगाई जाती है।
2. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
न्यूनतम बैलेंस:
मेट्रो/शहरी क्षेत्र: ₹10,000
अर्ध-शहरी क्षेत्र: ₹5,000
ग्रामीण क्षेत्र: ₹2,500
पेनल्टी: न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ₹600 तक का शुल्क लग सकता है, जो शॉर्टफॉल का 6% या ₹600 में से जो भी कम हो, के आधार पर निर्धारित होता है ।
3. आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
न्यूनतम बैलेंस:
ग्रामीण क्षेत्र: ₹1,000
अर्ध-शहरी क्षेत्र: ₹5,000
शहरी/मेट्रो क्षेत्र: ₹10,000
पेनल्टी: न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ₹100 + शॉर्टफॉल का 5% शुल्क लगाया जाता है ।
4. पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
न्यूनतम बैलेंस:
ग्रामीण क्षेत्र: ₹400
अर्ध-शहरी क्षेत्र: ₹500
शहरी/मेट्रो क्षेत्र: ₹600
पेनल्टी: न्यूनतम बैलेंस न रखने पर ₹400 से ₹600 तक का शुल्क लगाया जा सकता है, जो क्षेत्र के अनुसार भिन्न होता है ।
न्यूनतम बैलेंस न रखने पर क्या होगा?
यदि खाता धारक अपने खाते में निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो बैंक उनके खाते से पेनल्टी शुल्क काट सकते हैं। यह शुल्क बैंक और खाता प्रकार के अनुसार भिन्न होता है। हालांकि, RBI के नए निर्देशों के अनुसार, बैंकों को ग्राहकों को पहले से सूचित करना होगा और पेनल्टी वास्तविक लागत के अनुरूप होनी चाहिए ।
क्या करें?
अपने बैंक के नियम जानें: अपने बैंक की न्यूनतम बैलेंस आवश्यकताओं और पेनल्टी शुल्क की जानकारी लें।
ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर सेट करें: अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने के लिए ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर की सुविधा का उपयोग करें।
जीरो बैलेंस अकाउंट चुनें: यदि आप न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं होती।
निष्कर्ष
न्यूनतम बैलेंस नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि आपको अतिरिक्त शुल्क न देना पड़े। हर बैंक की आवश्यकताएं और पेनल्टी शुल्क अलग-अलग होते हैं, इसलिए अपने बैंक के नियमों की जानकारी लेना और उनका पालन करना आपके वित्तीय हित में है।