आज के दौर में ज्यादातर लोग डिजिटल पेमेंट करते हैं, लेकिन अब भी बहुत से लोग चेक से भुगतान करना पसंद करते हैं। चेक से भुगतान करना आसान और भरोसेमंद तरीका माना जाता है। बस एक चेक भरिए, साइन कीजिए और सामने वाले को दे दीजिए। लेकिन अगर आपके खाते में पैसे नहीं हैं और चेक बाउन्स हो जाता है, तो यह सिर्फ एक गलती नहीं बल्कि कानूनन अपराध बन जाता है।
चेक का उपयोग करते समय किन बातों का ध्यान रखें
जब आप बैंक में खाता खोलते हैं, तो आपको पासबुक के साथ चेकबुक भी दी जाती है। यह चेकबुक आपको किसी को भुगतान करने या पैसे निकालने की सुविधा देती है। लेकिन चेक भरते समय आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि:
खाते में पर्याप्त बैलेंस हो
तारीख सही हो
हस्ताक्षर स्पष्ट और बैंक में दर्ज हस्ताक्षर से मेल खाते हों
रकम शब्दों और अंकों में एक समान हो
इन बातों को नजरअंदाज करने पर चेक बाउन्स हो सकता है और आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
चेक बाउन्स के सामान्य कारण
चेक बाउन्स के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
खाते में अपर्याप्त बैलेंस
ओवरराइटिंग या काट-छांट
हस्ताक्षर मेल न खाना
तारीख गलत होना
रकम को शब्दों और अंकों में अलग-अलग तरीके से लिखना
इन कारणों से बैंक चेक को रिजेक्ट कर देता है और उसे ‘बाउन्स’ मान लेता है। इसके अलावा, बैंक इस पर पेनल्टी भी लगाता है जो आपके खाते से कट जाती है।
चेक बाउन्स के बाद क्या होता है?
अगर किसी को दिया गया चेक बाउन्स हो जाता है, तो बैंक की ओर से एक स्लिप जारी होती है जिसमें बाउन्स का कारण बताया जाता है। यह स्लिप उस व्यक्ति को दी जाती है जिसने चेक जमा किया था। इसके बाद चेक देने वाले को एक मौका दिया जाता है कि वह 30 दिनों के अंदर भुगतान कर दे।
लीगल नोटिस और मुकदमा कैसे दर्ज होता है
अगर 30 दिनों के अंदर रकम का भुगतान नहीं किया गया, तो चेक रिसीवर आरोपी को लीगल नोटिस भेजता है। इस नोटिस का जवाब 15 दिनों के अंदर देना जरूरी होता है। अगर कोई जवाब नहीं दिया गया, तो Negotiable Instruments Act, 1881 की धारा 138 के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। यह आपराधिक मामला होता है और इसका असर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर भी पड़ता है।
चेक बाउन्स पर क्या सजा मिल सकती है?
अगर अदालत में दोषी साबित हो जाते हैं, तो:
आपको दो साल तक की जेल हो सकती है
या आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है
या दोनों सजा दी जा सकती है
इसके अलावा कोर्ट यह भी आदेश दे सकती है कि चेक की रकम ब्याज सहित पीड़ित को लौटाई जाए।
चेक की वैधता कितनी होती है?
भारत में चेक की वैधता तीन महीने होती है। अगर आपने इस अवधि के बाद चेक जमा किया, तो वह अमान्य माना जाएगा। इसलिए, चेक मिलते ही जल्द से जल्द बैंक में जमा करना चाहिए ताकि कोई समस्या न हो।
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सजा से बचें
चेक से लेन-देन करते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। यह न केवल आपकी छवि को सुरक्षित रखता है, बल्कि आपको कानूनी झंझटों से भी बचाता है। अगर चेक बाउन्स हो जाए तो उसे हल्के में न लें, क्योंकि यह एक दंडनीय अपराध है। इसलिए हमेशा यह सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त बैलेंस हो और चेक भरते समय कोई गलती न हो।