आजकल की ज़िंदगी में लोन लेना आम बात हो गई है – कोई होम लोन लेता है, कोई कार या पर्सनल लोन। इन लोन की हर महीने किस्त यानी EMI भरनी होती है। लेकिन कई बार लोग किसी वजह से EMI समय पर नहीं भर पाते। जब ऐसा होता है, तो इसे EMI Bounce कहा जाता है। अगर आप भी लोन ले चुके हैं या लेने की सोच रहे हैं, तो ये जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
EMI Bounce क्या होता है?
जब लोन लेने वाले व्यक्ति के बैंक अकाउंट में EMI कटने वाले दिन पर्याप्त पैसा नहीं होता और बैंक पेमेंट नहीं ले पाता, तो इसे EMI Bounce कहा जाता है।
ये एक तरह से बैंक के साथ किया गया वादा टूटना होता है, और इसका असर न सिर्फ बैंक से रिश्ते पर पड़ता है, बल्कि क्रेडिट स्कोर पर भी बुरा असर होता है।
EMI Bounce होने के मुख्य कारण
- नौकरी जाना या आय में कमी
- अचानक बड़ा खर्च आ जाना
- खाते में पैसे नहीं होना
- लोन की EMI भूल जाना
- एक साथ कई लोन ले लेना
EMI Bounce होने पर क्या होता है?
- पेनाल्टी चार्ज लगता है – EMI बाउंस होने पर बैंक ₹300 से ₹1000 या उससे ज्यादा पेनाल्टी ले सकता है।
- देरी का ब्याज जुड़ता है – जो EMI समय पर नहीं भरी गई, उस पर लेट फीस के अलावा अतिरिक्त ब्याज भी देना पड़ता है।
- क्रेडिट स्कोर पर असर – लगातार EMI Bounce होने से आपका CIBIL Score गिर जाता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
- लीगल नोटिस मिल सकता है – अगर EMI लंबे समय तक नहीं भरी गई तो बैंक आपको लीगल नोटिस भेज सकता है।
अगर EMI Bounce हो जाए तो क्या करें?
बैंक से तुरंत संपर्क करें
जैसे ही पता चले कि EMI बाउंस हो गई है, तुरंत बैंक या लोन देने वाली संस्था से संपर्क करें और समस्या बताएं।समाधान पूछें
कई बार बैंक EMI को रीशेड्यूल करने या कुछ महीनों तक होल्ड करने का विकल्प देता है। खुलकर बात करें।पेनाल्टी और चार्ज की जानकारी लें
बैंक से पूछें कि आपको कितना पेनाल्टी देना है और कितना ब्याज जुड़ गया है। इससे आगे की योजना बनाना आसान होगा।जल्द से जल्द EMI भरें
जैसे ही पैसे का इंतजाम हो जाए, EMI तुरंत जमा करें ताकि स्कोर और ज़्यादा ना गिरे।
EMI Bounce से कैसे बचें?
बजट बनाएं
लोन लेने से पहले सोचें कि आपकी इनकम EMI झेल सकती है या नहीं।ऑटो-डेबिट चालू करें
EMI का पेमेंट ऑटोमेटिक हो जाए इसके लिए ऑटो-डेबिट चालू रखें, बस खाते में पैसे जरूर रहें।इमरजेंसी फंड रखें
कम से कम 2-3 महीनों की EMI के बराबर रकम सेविंग में रखें ताकि किसी मुश्किल में काम आ सके।एक साथ कई लोन ना लें
जब तक एक लोन खत्म ना हो जाए, दूसरा लोन लेने से बचें।
लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?
ब्याज दर और शर्तें ध्यान से पढ़ें
लोन लेने से पहले बैंक की सारी शर्तें और ब्याज दर अच्छी तरह से समझें।सही बैंक चुनें
कम ब्याज और बेहतर सेवा देने वाला बैंक चुनें ताकि EMI कम बने।गारंटर बनने से पहले सोचें
किसी का गारंटर बनने से पहले सोचें कि वह व्यक्ति समय पर EMI भर पाएगा या नहीं, क्योंकि अगर वह ना भरे तो ज़िम्मेदारी आपकी होगी।
लोन जल्दी चुकाने के स्मार्ट तरीके
बोनस या एक्स्ट्रा इनकम से EMI भरें
अगर सैलरी में बोनस या कोई एक्स्ट्रा इनकम मिले तो उसका हिस्सा EMI प्रीपेमेंट में लगाएं।बैलेंस ट्रांसफर करें
अगर कोई दूसरा बैंक कम ब्याज दे रहा है, तो लोन वहां ट्रांसफर कर सकते हैं। इससे ब्याज और EMI दोनों में राहत मिल सकती है।छोटा टेन्योर लें
अगर मुमकिन हो तो कम अवधि वाला लोन लें ताकि ब्याज कम लगे और जल्दी खत्म हो जाए।
EMI Bounce से बचना है तो समझदारी दिखाएं
EMI Bounce कोई अपराध नहीं है, लेकिन इसे बार-बार होने देना आपकी फाइनेंशियल हेल्थ के लिए नुकसानदायक है। इसलिए EMI समय पर भरें, खर्चों की योजना बनाएं, इमरजेंसी के लिए फंड रखें और लोन लेते समय सही फैसले लें।
अगर फिर भी EMI बाउंस हो जाए, तो घबराएं नहीं – बैंक से बात करें, समाधान खोजें और भविष्य में सतर्क रहें। यही सही तरीका है आर्थिक रूप से मजबूत बनने का।