Advertisement

लोन नहीं भरने वालों को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय, लोन लेने वाले जरूर जान लें अपडेट EMI Bounce

आज के समय में महंगाई और आर्थिक जरूरतों के कारण लोन लेना एक आम बात हो गई है। लेकिन कई बार लोग समय पर किस्तें नहीं चुका पाते और उन्हें मानसिक, सामाजिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जो लोनधारकों के लिए राहत की खबर है। इस फैसले में कहा गया है कि लोन नहीं चुका पाने की स्थिति में भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की जानी चाहिए।

जब लोन नहीं चुकाया जाता तो क्या होता है?

यदि कोई व्यक्ति लोन लेता है और समय पर किस्तें नहीं चुका पाता, तो बैंक निम्नलिखित कार्रवाई कर सकता है:

हालांकि, कई बार बैंक अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए ऐसे कदम उठाते हैं जो व्यक्ति के मौलिक अधिकारों पर चोट करते हैं। इस संदर्भ में दिल्ली हाईकोर्ट का हालिया फैसला बहुत अहम है।

क्या होता है लुकआउट सर्कुलर (LOC)?

लुकआउट सर्कुलर एक प्रकार का सरकारी नोटिस होता है, जिसे आमतौर पर आपराधिक मामलों में जारी किया जाता है ताकि आरोपी व्यक्ति देश से बाहर न जा सके। लेकिन कई बैंक लोन नहीं चुकाने की स्थिति में भी LOC जारी कर देते हैं, जो कि अब अदालत ने अनुचित बताया है।

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: LOC नहीं है समाधान

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह साफ किया कि हर लोन डिफॉल्ट के मामले में LOC जारी करना न्यायसंगत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं है, तो सिर्फ लोन नहीं चुकाने के कारण उसके खिलाफ LOC जारी करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

Also Read:
Free Silai Machine Yojana Free Silai Machine Yojana: घर बैठे रोजगार का शानदार मौका

किस मामले में आया फैसला?

इस केस में याचिकाकर्ता ने दो कारों के लिए लोन लिया था:

किस्तें कुछ समय तक चुकाई गईं, लेकिन बाद में भुगतान बंद हो गया। बैंक ने नोटिस भेजा और जवाब न मिलने पर LOC जारी कर दिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि वह अपराधी नहीं है, फिर भी उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है।

कोर्ट ने यह LOC रद्द करते हुए कहा कि बिना आपराधिक आरोप के ऐसी कार्रवाई व्यक्ति के संविधान प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है।

मौलिक अधिकारों की सुरक्षा पर जोर

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि:

Also Read:
Cheque Bounce Case चेक बाउंस पर हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला – अब ये नोटिस होगा पूरी तरह मान्य Cheque Bounce Case

यह फैसला यह भी स्पष्ट करता है कि बैंकों को सिर्फ वित्तीय नुकसान के आधार पर कठोर कदम नहीं उठाने चाहिए।

लोनधारकों के लिए यह फैसला क्यों है महत्वपूर्ण?

इस फैसले के कई फायदे हैं:

ऐसी स्थिति से कैसे बचें?

अगर आप लोन ले चुके हैं या लेने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

  1. समय पर किस्तें चुकाएं – आय और खर्चों का सही आकलन करें

  2. बैंक से संवाद करें – अगर आप किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं, तो बैंक को स्थिति बताएं

    Also Read:
    EPFO New Update EPFO का बड़ा फैसला! 7 करोड़ PF खाताधारकों के लिए बदले ये बड़े नियम EPFO New Update
  3. कानूनी सलाह लें – अगर बैंक गलत तरीके से कार्रवाई करता है तो वकील से संपर्क करें

  4. आपातकालीन फंड बनाएं – आर्थिक संकट से बचने के लिए थोड़ा पैसा बचाकर रखें

फैसले का समाज पर प्रभाव

दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला पूरे देश के लोनधारकों के लिए एक सकारात्मक संदेश है। यह न सिर्फ उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करता है बल्कि बैंकों को भी जवाबदेह बनाता है।

Also Read:
PM Surya Ghar Yojana 2025 PM Surya Ghar Yojana 2025: अब हर घर बनेगा बिजली उत्पादक, सरकार दे रही है फ्री सोलर पैनल पर सब्सिडी
  • बैंकों के लिए: यह तय करता है कि वे सिर्फ नियमों के तहत ही वसूली करें

  • लोनधारकों के लिए: यह उनके अधिकारों की रक्षा करता है और राहत प्रदान करता है

निष्कर्ष

दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला न्याय, समानता और संविधान की मूल भावना को दर्शाता है। अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुका पा रहा है, तो उसे अपराधी नहीं माना जा सकता। यह फैसला लोनधारकों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें मानसिक शांति भी देता है।

Also Read:
EPS Pension News प्राइवेट कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! EPS पेंशन में हुई ₹3000 की ज़बरजस्त बढ़ोतरी EPS Pension News

यदि आप भी ऐसी स्थिति में हैं, तो घबराने के बजाय अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें, बैंक से संवाद करें और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी सहायता जरूर लें।

Leave a Comment

Whatsapp Group