EPS Pension: अगर आप निजी क्षेत्र में काम करते हैं और हर महीने आपकी सैलरी से PF कटता है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। सरकार कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने पर विचार कर रही है। फिलहाल जहां केवल 1000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलती है, वहीं प्रस्तावित योजना में इसे बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिमाह करने की बात चल रही है।
कब लागू होगा नया नियम?
सूत्रों के अनुसार, यह फैसला अगले कुछ महीनों में लिया जा सकता है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
- 2014 में पेंशन को 250 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया था।
- अब प्रस्ताव है कि इसे तीन गुना बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह कर दिया जाए।
हालांकि अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
पेंशन बढ़ाना क्यों जरूरी है?
- बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत ने यह साफ कर दिया है कि 1000 रुपये की मासिक पेंशन अपर्याप्त है।
- 2020 में, लेबर मिनिस्ट्री ने न्यूनतम पेंशन को 2000 रुपये करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा था, जिसे मंजूरी नहीं मिल सकी।
- 2025 के बजट से पहले, EPS पेंशनर्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 7500 रुपये न्यूनतम पेंशन की मांग भी की थी।
EPS योजना का वर्तमान स्वरूप
- EPS को EPFO द्वारा संचालित किया जाता है और यह रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी प्रदान करती है।
- नियोक्ता के 12% EPF योगदान में से 8.33% EPS में और शेष 3.67% EPF में जमा होता है।
- EPS फंड का कुल आकार 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है।
- वर्तमान में 36.6 लाख लोग 1000 रुपये की न्यूनतम पेंशन पा रहे हैं।
सरकार की ओर से सब्सिडी और खर्च
- वित्त वर्ष 2024 में सरकार ने EPS पेंशनर्स के लिए 1223 करोड़ रुपये की सहायता दी, जो पिछले साल से 26% अधिक है।
- सरकार उन पेंशनर्स के लिए अंतर की भरपाई करती है जिनकी वास्तविक पेंशन 1000 रुपये से कम होती है।
- प्रस्तावित 3000 रुपये की योजना के वित्तीय प्रभाव का आकलन किया जा रहा है।
संसदीय समिति और विशेषज्ञों की राय
- बीजेपी सांसद बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता वाली समिति ने तुरंत पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की है।
- अर्थशास्त्री संदीप वेम्पति का कहना है कि 2014 से 2025 तक महंगाई में 72% की वृद्धि हुई है, इसलिए पेंशन में भी नियमित बढ़ोतरी जरूरी है।
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का भी मानना है कि पेंशन को महंगाई दर के अनुसार समायोजित किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
अगर सरकार EPS पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करती है, तो यह फैसला लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगा। अब सबकी निगाहें सरकार की अगली घोषणा पर टिकी हैं।