अगर आप गाड़ी चलाते हैं और हाईवे पर सफर करते हैं, तो आपने FASTAG का नाम जरूर सुना होगा। यह सिस्टम साल 2017 से देशभर में लागू है और इसका मकसद टोल वसूली को डिजिटल, आसान और तेज बनाना है। हाल ही में सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैली कि FASTAG सिस्टम खत्म होने जा रहा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। सरकार ने FASTAG को खत्म नहीं किया है, बल्कि इसमें कुछ नए नियम जोड़े हैं ताकि टोल सिस्टम और बेहतर बन सके।
आइए जानते हैं इन नए नियमों और भविष्य की योजनाओं के बारे में आसान भाषा में।
FASTAG अभी भी एक्टिव है
FASTAG पूरी तरह से चालू है और देश के सभी नेशनल हाईवे पर इसकी जरूरत बनी हुई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित इस सिस्टम ने अब तक लाखों वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने से बचाया है। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि टोल भुगतान प्रक्रिया भी पारदर्शी और तेज बन गई है।
17 फरवरी 2025 से लागू हुए नए नियम
सरकार ने 17 फरवरी 2025 से कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका मकसद सिस्टम को और मजबूत और साफ-सुथरा बनाना है।
1. लेन-देन की अस्वीकृति
अगर आपका FASTAG पिछले 60 मिनट से इनएक्टिव है या 10 मिनट पहले ब्लैकलिस्ट हुआ है, तो टोल प्लाजा पर आपका ट्रांजेक्शन रिजेक्ट हो सकता है। इसलिए FASTAG को एक्टिव और बैलेंस में रखना जरूरी है।
2. ब्लैकलिस्ट से बाहर आने का समय
अगर FASTAG किसी कारण से ब्लैकलिस्ट हो गया है, तो आपको उसे फिर से एक्टिव करने के लिए 70 मिनट का समय मिलेगा। इस दौरान आप FASTAG को रिचार्ज कर सकते हैं और फिर से इस्तेमाल में ला सकते हैं।
3. दोगुना टोल शुल्क
अगर आपका FASTAG ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी रिचार्ज नहीं हुआ और आपने टोल प्लाजा पार किया, तो आपको दोगुना टोल शुल्क देना पड़ सकता है। यह नियम सख्ती से लागू होगा।
4. ट्रांजेक्शन टाइम लिमिट
अब हर ट्रांजेक्शन को 15 मिनट के अंदर पूरा करना जरूरी होगा। देरी होने पर एक्स्ट्रा चार्ज लग सकता है। इसलिए नेटवर्क और बैलेंस की स्थिति पहले से जांच लेना बेहतर रहेगा।
5. चार्जबैक की सुविधा
अगर आपके FASTAG अकाउंट से गलती से ज्यादा रकम कट गई है, तो अब 15 दिन के “कूलिंग पीरियड” के बाद आपको चार्जबैक मिल सकता है। पहले यह प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल थी।
आने वाले समय की नई तकनीक: ANPR
सरकार FASTAG सिस्टम को और एडवांस बनाने के लिए ANPR (Automatic Number Plate Recognition) तकनीक को लागू करने जा रही है। इस तकनीक से अब गाड़ियों की नंबर प्लेट को पढ़कर ही टोल शुल्क कट जाएगा और आपको टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा।
ANPR के फायदे:
टोल प्लाजा पर लंबी कतारें नहीं लगेंगी
ट्रैफिक बिना रुके आगे बढ़ेगा
टोल प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होगी
गाड़ियों को रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी
इस तकनीक का टेस्ट फिलहाल गुरुग्राम और दिल्ली जैसे शहरों में शुरू हो चुका है। अगर सब कुछ सफल रहा, तो यह पूरे देश में लागू किया जाएगा।
यूजर्स को क्या करना चाहिए?
अब जब FASTAG सिस्टम में बदलाव हो रहा है, तो गाड़ी चालकों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा:
अपना FASTAG हमेशा एक्टिव रखें
समय पर रिचार्ज करें और बैलेंस चेक करते रहें
नए नियमों की जानकारी रखें
टोल प्लाजा से पहले नेटवर्क या बैलेंस की दिक्कत न हो, इसका ध्यान रखें
SMS या नोटिफिकेशन को नजरअंदाज न करें
जरूरी तारीखें जो आपको जाननी चाहिए:
17 फरवरी 2025: नए FASTAG नियम लागू
मार्च–अप्रैल 2025: ANPR तकनीक का परीक्षण चल रहा है
1 अप्रैल 2025: नई टोल पॉलिसी का संभावित ऐलान
निष्कर्ष
FASTAG सिस्टम खत्म नहीं हो रहा है, बल्कि और बेहतर और स्मार्ट बनाया जा रहा है। सरकार चाहती है कि टोल वसूली में कोई रुकावट न आए और गाड़ियों को बिना रुके यात्रा का अनुभव मिले। नए नियमों और तकनीकों से यह प्रक्रिया और तेज, पारदर्शी और सुविधाजनक बनेगी।
अगर आप हाईवे पर सफर करते हैं, तो नए नियमों को समझना और पालन करना आपके लिए जरूरी है। अपने FASTAG को समय पर रिचार्ज करें, नए बदलावों के बारे में अपडेट रहें और बिना किसी परेशानी के सफर का आनंद लें।