Gratuity Rules 2025: सरकारी हो या प्राइवेट कर्मचारी, ग्रेच्युटी की रकम हर किसी के लिए बेहद अहम होती है। ये एक ऐसा फाइनेंशियल रिवॉर्ड है जो कर्मचारी को उसकी वर्षों की सेवा के बदले में दिया जाता है। लेकिन अब 2025 में ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव किया गया है, और एक छोटी सी गलती भी आपके ग्रेच्युटी पाने के अधिकार को छीन सकती है।
क्या है ग्रेच्युटी और किन्हें मिलती है?
- ग्रेच्युटी एक ऐसा लाभ है जो उस कर्मचारी को मिलता है जिसने किसी संस्था में लगातार 5 साल तक सेवा दी हो।
- यह नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों कर्मचारियों पर लागू होता है।
- किसी भी कंपनी में जहां 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, वहां ग्रेच्युटी देना अनिवार्य है।
अब ये गलती पड़ी भारी
अगर कोई कर्मचारी जानबूझकर या अनजाने में कंपनी या विभाग की संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो नियोक्ता उसकी ग्रेच्युटी रोक सकता है।
- यह नियम Gratuity Act 1972 की धारा 4(6)(b)(ii) के तहत लागू होता है।
- यदि नुकसान के कारण कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाता है, तो नुकसान की राशि ग्रेच्युटी से काटी जा सकती है।
कब रोकी जा सकती है ग्रेच्युटी?
- दुराचार, जानबूझकर नुकसान, या गलत जानकारी देने की स्थिति में
- अगर कंपनी को कर्मचारी के कारण कोई आर्थिक नुकसान हुआ है
- परंतु, बिना ठोस कारण के कोई भी नियोक्ता ग्रेच्युटी नहीं रोक सकता
नियोक्ता पर भी लागू होते हैं नियम
- नियोक्ता को कर्मचारी से पहले नोटिस भेजकर जवाब मांगना होता है
- केवल उतनी ही ग्रेच्युटी रोकी जा सकती है, जितना नुकसान हुआ हो
- बाकी की ग्रेच्युटी राशि कर्मचारी को देना अनिवार्य है
दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि
“अगर कर्मचारी की हरकतों से कंपनी को नुकसान हुआ है, तो नियोक्ता नुकसान की भरपाई के लिए ग्रेच्युटी रोक सकता है, लेकिन वह पूरी रकम नहीं रोक सकता, सिर्फ नुकसान की राशि ही काट सकता है।”
निष्कर्ष
अगर आप चाहते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई यानी ग्रेच्युटी पूरी मिले, तो workplace पर सावधानी बरतें। कंपनी की संपत्ति या छवि को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना आपकी वर्षों की सेवाओं पर पानी फेर सकता है।
सावधान रहें, नियम जानें और ग्रेच्युटी सुरक्षित रखें।