Multiple Bank Accounts: अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। आरबीआई और वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक, कई बैंक अकाउंट रखने से न केवल वित्तीय नुकसान होता है, बल्कि यह आपके क्रेडिट स्कोर और टैक्स से जुड़ी परेशानियों का कारण भी बन सकता है। खासकर वेतनभोगी लोगों के लिए एक ही बचत खाता रखना अधिक सुरक्षित और फायदेमंद माना गया है।
एक से अधिक अकाउंट क्यों है नुकसानदेह?
1. बढ़ती जालसाजी की आशंका
नौकरी बदलने के बाद पुराने सैलरी अकाउंट अक्सर निष्क्रिय हो जाते हैं। ऐसे डॉर्मेंट अकाउंट्स फ्रॉड के लिए आसान टारगेट बनते हैं, क्योंकि इन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं।
2. CIBIL स्कोर पर असर
कई अकाउंट्स में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना मुश्किल होता है। यदि किसी एक खाते में बैलेंस कम रह जाए तो बैंक पेनल्टी लगाता है, जो आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित कर सकता है।
3. दोगुना सेवा शुल्क
हर बैंक खाते के साथ SMS चार्ज, डेबिट कार्ड AMC और अन्य सर्विस शुल्क जुड़ा होता है। अगर आपके पास तीन बैंक खाते हैं, तो यह खर्च तीन गुना हो सकता है।
आपके निवेश को हो सकता है नुकसान
कई बैंक अकाउंट्स में न्यूनतम बैलेंस रखने की वजह से आपका पैसा वहीं फंसा रह जाता है। उदाहरण के तौर पर
- निजी बैंक न्यूनतम ₹20,000 बैलेंस की मांग करते हैं।
- तीन अकाउंट होने पर ₹60,000 में से ₹40,000 फालतू फंसा रह सकता है, जो आप निवेश नहीं कर पाएंगे।
अगर यही ₹40,000 आप डेट फंड्स में निवेश करें, तो आपको 8% रिटर्न मिल सकता है। जबकि सेविंग अकाउंट में ब्याज सिर्फ 4-5% ही होता है।
टैक्स में उलझन का कारण बन सकते हैं कई अकाउंट्स
- इनकम टैक्स कानून के तहत सेविंग अकाउंट्स में ₹10,000 तक ब्याज टैक्स फ्री है।
- लेकिन यदि आपके सभी खातों का कुल ब्याज ₹10,000 से ज्यादा हो गया, तो TDS कट सकता है।
- यदि आप इसे ITR फाइलिंग में नहीं दिखाते, तो अनजाने में आयकर धोखाधड़ी (Tax Fraud) मानी जा सकती है।
RBI की सलाह
RBI का मानना है कि एक ही बचत खाता रखना बेहतर विकल्प है। इससे
- बैंकिंग प्रबंधन आसान होता है
- ITR फाइलिंग में आसानी होती है
- सेवा शुल्क कम लगता है
- धोखाधड़ी की संभावना कम होती है
निष्कर्ष
यदि आप फाइनेंशियल डिसिप्लिन और अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप अपने पुराने या कम उपयोग वाले बैंक अकाउंट्स को बंद कर दें और सिर्फ एक या दो खातों का ही संचालन करें।