भारत में सड़क यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकार ने यह फैसला लिया है कि 1 मई 2025 से FASTag सिस्टम को पूरी तरह से बंद कर एक नया और स्मार्ट टोल कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा। यह नया सिस्टम ANPR (Automatic Number Plate Recognition) तकनीक पर आधारित होगा। इस लेख में हम आपको इस नए सिस्टम से जुड़ी सभी जानकारी सरल और आसान भाषा में देंगे।
क्या है ANPR टोलिंग सिस्टम?
ANPR एक ऐसी तकनीक है जिसमें हाईवे पर लगे कैमरे आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे और उसी आधार पर टोल की राशि आपके खाते से अपने आप कट जाएगी। इस प्रक्रिया में ना तो गाड़ी को रुकने की जरूरत होगी और ना ही कोई मैनुअल हस्तक्षेप रहेगा।
FASTag सिस्टम की विदाई क्यों?
FASTag सिस्टम से काफी सुविधा मिली, लेकिन इसके बावजूद टोल प्लाजा पर भीड़, समय की बर्बादी और टेक्निकल दिक्कतें बनी रहती थीं। इसलिए सरकार ने फैसला किया कि अब एक और आधुनिक और तेज़ सिस्टम लाया जाए जिससे ट्रैफिक का दबाव कम हो और लोगों को सफर के दौरान बेवजह रुकना न पड़े।
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कैसे काम करेगा नया टोल सिस्टम?
- जब गाड़ी हाईवे पर प्रवेश करेगी, वहां लगे कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट स्कैन करेंगे।
- स्कैन की गई जानकारी सीधे परिवहन विभाग के डेटा से मिलाई जाएगी।
- वाहन की जानकारी और नंबर प्लेट के आधार पर आपके रजिस्टर्ड अकाउंट से टोल की राशि काट ली जाएगी।
- आपको SMS या नोटिफिकेशन के जरिए टोल कटने की जानकारी मिल जाएगी।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
सरकार इस नए सिस्टम को लागू करने के पीछे कई प्रमुख कारण मान रही है:
- टोल प्लाजा पर ट्रैफिक कम करना
- फ्यूल की बचत और पर्यावरण संरक्षण
- टैक्स चोरी पर नियंत्रण
- हर राज्य में एक समान टोलिंग सिस्टम लागू करना
- स्मार्ट और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा देना
किसे होगा फायदा और किसे परेशानी?
फायदा उन लोगों को होगा:
- जो रोजाना हाईवे पर सफर करते हैं
- जिन्हें टेक्नोलॉजी का अच्छा उपयोग आता है
- जिनकी गाड़ी की नंबर प्लेट साफ और मानक के अनुसार है
कुछ लोगों को शुरुआती दिक्कतें हो सकती हैं:
- जिनकी गाड़ी की नंबर प्लेट खराब या अस्पष्ट है
- जिनकी जानकारी परिवहन विभाग के रिकॉर्ड में गलत या अधूरी है
- बुजुर्ग या तकनीकी जानकारी कम रखने वाले लोग
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आप चाहते हैं कि यह बदलाव आपके लिए परेशानी का कारण न बने, तो आपको कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए:
- अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट को साफ और ISI मानक के अनुसार बनवाएं
- परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने वाहन की जानकारी अपडेट करें
- बैंक अकाउंट या डिजिटल पेमेंट मोड को अपडेट रखें
- SMS अलर्ट के लिए मोबाइल नंबर अपडेट करना न भूलें
FASTag का क्या होगा?
सरकार ने साफ किया है कि 1 मई 2025 से FASTag पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, शुरूआत में कुछ ट्रांजिशन समय दिया जा सकता है। अगर आपके FASTag में बैलेंस बचा है, तो आप उसे बैंक या FASTag पोर्टल के माध्यम से रिफंड करा सकते हैं।
रियल लाइफ अनुभव
मोहित शर्मा (गुड़गांव):
“मैं रोज़ दिल्ली से गुरुग्राम जाता हूं। FASTag के बावजूद टोल पर रुकना पड़ता है। अगर नया सिस्टम अच्छे से लागू होता है, तो यह ट्रैफिक और झंझट दोनों से छुटकारा दिलाएगा।”
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रेखा देवी (पटना):
“हमें तो अभी FASTag की आदत ही नहीं पड़ी थी, अब ये नया सिस्टम आ गया। शुरू में थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन अगर टोल बिना रुके कट जाए तो अच्छा ही होगा।”
इस सिस्टम से मिलने वाले फायदे
- गाड़ी रोके बिना टोल वसूली: सफर तेज़ और सुविधाजनक होगा
- डिजिटल और कैशलेस पेमेंट: पारदर्शिता बनी रहेगी
- समय और फ्यूल की बचत: लंबे सफर में समय की बचत
- अपराध पर नियंत्रण: नंबर प्लेट से गाड़ियों की पहचान आसान होगी
संभावित चुनौतियाँ
- कुछ इलाकों में इंटरनेट की कमजोरी से डेटा ट्रांसफर में दिक्कत हो सकती है
- फर्जी नंबर प्लेट या डेटा में गड़बड़ी से धोखाधड़ी की संभावना
- प्राइवेसी को लेकर चिंता: कुछ लोग नहीं चाहेंगे कि उनकी गाड़ी का ट्रैकिंग डेटा रिकॉर्ड हो
मेरा व्यक्तिगत अनुभव
मैं एक फ्रीलांसर हूं और महीने में कई बार सड़क मार्ग से यात्रा करता हूं। FASTag ने कुछ हद तक राहत दी थी, लेकिन टोल पर कई बार सिस्टम काम नहीं करता था। अगर यह नंबर प्लेट आधारित सिस्टम सही से लागू किया गया, तो यह एक बड़ा और स्वागत योग्य बदलाव होगा।
निष्कर्ष
भारत सरकार का यह कदम देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और स्मार्ट ट्रैवलिंग को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी पहल है। अगर सब कुछ सही से लागू होता है, तो यह बदलाव यात्रियों, सरकार और देश – तीनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
अब समय है बदलाव को अपनाने का और अपने सफर को और आसान बनाने का।