अगर आप रोज स्कूटर, बाइक या कार से ऑफिस जाते हैं या फिर ट्रांसपोर्ट से जुड़ा कोई व्यवसाय करते हैं, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें आपके लिए बहुत मायने रखती हैं। इनकी कीमतों में हुए छोटे-से बदलाव का भी सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है।
सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में किया बदलाव
हाल ही में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। यह टैक्स केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है और इसका असर धीरे-धीरे पेट्रोल पंपों पर मिलने वाली कीमतों पर देखने को मिलेगा।
एक्साइज ड्यूटी के अलावा हर राज्य वैट (VAT) भी वसूलता है, जिससे कीमतें और अधिक बढ़ जाती हैं।
शहर दर शहर आज के रेट
हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है, इस वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम भी अलग-अलग होते हैं। कुछ प्रमुख शहरों के ताज़ा रेट इस प्रकार हैं:
दिल्ली: पेट्रोल ₹94.77, डीजल ₹87.67
मुंबई: पेट्रोल ₹103.50, डीजल ₹90.03
चेन्नई: पेट्रोल ₹101.03, डीजल ₹92.61
कोलकाता: पेट्रोल ₹105.01, डीजल ₹91.82
बेंगलुरु: पेट्रोल ₹102.86, डीजल ₹88.94
लखनऊ: पेट्रोल ₹94.65, डीजल ₹87.76
चंडीगढ़: पेट्रोल ₹94.24, डीजल ₹82.40
पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं?
कई लोग यह नहीं जानते कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज क्यों बदलती हैं। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण होते हैं:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत
डॉलर और रुपये की विनिमय दर
केंद्र सरकार द्वारा लगाई गई एक्साइज ड्यूटी
राज्य सरकार का VAT
डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रांसपोर्ट लागत
रिफाइनरी से पंप तक लाने का खर्च
इन सभी फैक्टर को जोड़कर हर दिन सुबह 6 बजे नई कीमतें तय की जाती हैं।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का असर
सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में हुई बढ़ोतरी का असर आम आदमी पर इस तरह से पड़ सकता है:
महंगाई बढ़ेगी: जब फ्यूल महंगा होगा तो ट्रांसपोर्ट महंगा होगा, और जब ट्रांसपोर्ट महंगा होगा तो हर चीज की कीमत बढ़ेगी — जैसे सब्जी, दूध, राशन।
उद्योगों की लागत बढ़ेगी: डीजल से चलने वाली मशीनें और माल ढुलाई महंगी हो जाएगी जिससे उत्पादन लागत बढ़ेगी।
ट्रैवल खर्च बढ़ेगा: रोज ऑफिस जाने वाले या टैक्सी-बस इस्तेमाल करने वालों के खर्च बढ़ेंगे।
सरकार की कमाई बढ़ेगी: सरकार को टैक्स से फायदा होगा, जिसे वह दूसरी योजनाओं में खर्च कर सकती है, लेकिन आम जनता को राहत नहीं मिलेगी।
क्या पेट्रोल-डीजल सस्ता हो सकता है?
कई बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, जिससे फ्यूल सस्ता हो सकता है। लेकिन अगर सरकार टैक्स में कटौती नहीं करती है, तो जनता को इसका फायदा नहीं मिल पाता।
अगर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर टैक्स घटाएं, तो कीमतों में थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन अभी हालात ऐसे नहीं दिखते कि जल्द कोई राहत मिलेगी।
आम आदमी क्या करे?
जब फ्यूल की कीमतें बढ़ें, तो आम आदमी को कुछ उपाय अपनाने चाहिए:
कार पूलिंग करें
सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा उपयोग करें
वाहन की सर्विसिंग समय पर कराएं
माइलेज फ्रेंडली ड्राइविंग करें
पेट्रोल और डीजल की कीमतें सिर्फ नंबर नहीं हैं, ये आपके पूरे बजट को प्रभावित करती हैं। सरकार के हर फैसले का असर सीधा जनता पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना इन कीमतों की जानकारी रखें और अपने खर्चों की प्लानिंग उसी अनुसार करें।
अगर आने वाले समय में कोई और टैक्स न बढ़े तो कीमतें स्थिर रह सकती हैं, लेकिन अगर दोबारा एक्साइज ड्यूटी बढ़ी, तो आपकी जेब पर और असर पड़ सकता है।