RBI Loan Rule: आज के समय में होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेना आम बात हो गई है। लेकिन अगर किसी वजह से आप अपना लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो परेशान मत होइए – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का एक नियम आपकी मदद कर सकता है। ये नियम न सिर्फ आपको डिफ़ॉल्टर होने से बचाएगा, बल्कि आपकी EMI भी कम करवा सकता है।
क्या है RBI का नया नियम?
अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुका पा रहा है, तो अब वह अपने लोन को रिस्ट्रक्चर करवा सकता है। इसका मतलब है कि बैंक लोन की शर्तों में बदलाव कर सकता है, ताकि आपको लोन चुकाने में राहत मिले।
उदाहरण के तौर पर:
मान लीजिए आपने ₹10 लाख का लोन लिया था, लेकिन अभी आप पूरी EMI नहीं भर पा रहे। RBI के निर्देशों के अनुसार, आप बैंक से अनुरोध कर सकते हैं कि लोन की पुनर्संरचना (Restructuring) की जाए। इसमें आपको पहले कुछ राशि (जैसे ₹5 लाख) चुकानी होती है, और बाकी राशि को लंबी अवधि में आसान EMI के रूप में चुकाया जा सकता है।
इससे क्या फायदे होंगे?
- EMI घट जाएगी: लोन की अवधि बढ़ने से मासिक किस्तें कम हो जाएंगी।
- डिफ़ॉल्टर टैग हटेगा: समय पर पुनर्संरचित EMI भरने से आप डिफॉल्टर नहीं माने जाएंगे।
- क्रेडिट स्कोर सुरक्षित रहेगा: सिबिल स्कोर पर खराब असर नहीं पड़ेगा, जिससे भविष्य में लोन लेना आसान रहेगा।
- बैंक का भरोसा बना रहेगा: बैंक आप पर विश्वास बनाए रखेगा और आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर बनी रहेगी।
CIBIL स्कोर क्यों है ज़रूरी?
CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को ट्रैक करता है। अगर आप लोन या क्रेडिट कार्ड समय पर नहीं चुकाते, तो आपका CIBIL स्कोर गिर जाता है। इससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाता है क्योंकि बैंक पहले आपका स्कोर चेक करते हैं।
कौन ले सकता है इस नियम का फायदा?
- वे लोग जो किसी भी कारणवश EMI चुकाने में असमर्थ हैं
- पर्सनल लोन, होम लोन या अन्य किसी भी प्रकार का लोन लेने वाले
- जिनका CIBIL स्कोर गिर रहा हो और वे अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सुधारना चाहते हों
निष्कर्ष
अगर आप भी लोन की किश्तें समय पर नहीं चुका पा रहे हैं, तो घबराइए नहीं। RBI के नए नियमों के तहत आप लोन रीस्ट्रक्चर करवा सकते हैं और वित्तीय बोझ को हल्का कर सकते हैं। बस आपको बैंक से संपर्क कर इसका आवेदन करना होगा।